Thursday 14 July 2011

क्या कहते हैं आपके नैना

जिस सहज सरल स्वभाव व शालीनता के लिए भारतीय नारी जानी पहचानी जाती है, वे सद्गुण तुम्हे छूकर भी नहीं निकले है . अभिमान से घिरा तुम्हारा सोंदर्य अस्तित्व हीन है

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भारत में आज भी सोंदर्य के पर्याय मौजूद है जिनके सामने पाश्चात्य सुन्दरता भी धराशायी है. विश्व सुंदरी तुमने इसी सौन्दर्य को प्रतिपादित कर भारत को गौरवान्वित किया है .

3 comments:

  1. bahut acha likh h but i dont agrrre with that nigetive aspect

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  2. i completey agree with the other aspect , which you call 'negative aspect'

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  3. इनकी उपलब्धियों पे तो किसी तरह की चर्चा करना भी व्यर्थ होगा... जिस क्षेत्र की ये महिला है उसके हर मकाम को पाया है इन्होने ....और इसके लिए ये प्रशंसा की पात्र हैं .....लेकिन क्या जो भी कुछ इन्होंने हासिल किया है वो सब इन्हें इतना अभिमानी होने की वजह दे देता है ....

    खूबसूरती सादगी के साथ और भी अच्छी लगती है ...

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